जीवन में आत्मविश्वास का होना बेहद जरुरी है।

दोस्तों, क्या आपने कभी सोचा है कि इंसान की असली ताकत आखिर कहां होती है? कई लोग मानते हैं कि ताकत मांसपेशियों में होती है, दौलत में होती है या फिर बड़े-बड़े रिश्तों में होती है लेकिन सच कहूं तो असली ताकत कहीं और है। असली ताकत है आत्मविश्वास।
जी हां, सेल्फ कॉन्फिडेंस क्योंकि अगर आप खुद पर विश्वास कर लेते हो तो आप नामुमकिन से नामुमकिन काम भी कर सकते हो लेकिन अगर आत्मविश्वास ही नहीं है तो आसान से आसान काम भी भारी लगने लगता है।
एक छोटे से गांव में राजू नाम का लड़का रहता था। उसका मन पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था। खेलकूद में भी वह साधारण था। गांव के बच्चे अक्सर उसका मजाक उड़ाते। कोई कहता यह तो कमजोर है कोई कहता इससे कुछ नहीं होगा।
धीरे-धीरे यह बातें उसके दिल में घर कर गई और वह खुद भी मानने लगा कि शायद मै किसी काम का नहीं हूं। जब भी कोई प्रतियोगिता होती, वह दूर ही खड़ा रहता मन में हमेशा यही डर रहता कि मैं हार जाऊंगा और लोग मुझ पे हँसेंगे, लेकिन कहते हैं ना कि सही समय पर कही गई बात जिंदगी बदल सकत है।
एक दिन गांव में गुरुजी आए। उन्होंने0 बच्चों को समझाते हुए कहा जीत और हार से बड़ा होता है खुद पर भरोसा अगर तुम खुदको हार मान लोगे तो पूरी दुनिया तुम्हें कभी जीतने नहीं देगी यह शब्द सीधे राजू केदिल में उतर गए।
उसने सोचा कि मैं तो बिना कोशिश किए ही हार मान लेता हूं क्यों ना इस बार खुद को एक मौका दूं। कुछ ही दिनों बाद गांव में दौड़ की प्रतियोगिता होने वाली थी। सब बच्चों ने नाम लिखवाया लेकिन राजू चुप था।
जीवन में आत्मविश्वास का होना बेहद जरुरी है।
गुरुजी ने पूछा बेटा नाम क्यों नहीं लिखवाया ? राजू झिझकते हुए बोला गुरुजी मैं जीत नहीं सकता। गुरुजी मुस्कुराए और बोले बेटा जितना उतना जरूरी नहीं है, जरूरी है कोशिश करना। अगर तुम दौड़ोगे तो या तो जीतोगे या सीखोगे लेकिन अगर दौड़े ही नहीं तो जिंदगी भर दूसरों के पीछे रह जाओगे।
गुरुजी की बातों से राजू को हिम्मत मिली और उसने प्रतियोगिता में नाम लिखवा दिया। अब गांव वाले हैरान थे सब कह रहे थे यह तो पीछे ही रह जाएगा। प्रतियोगिता का दिन आया सब बच्चे लाइन में खड़े थे।
डोल नगाड़े बज रहे थे लोग चिल्ला रहे थे। स्टार्टिंग का इशारा हुआ और सब बच्चे दौड़ पड़े। शुरुआत में राजू पीछे रह गया लोग हंसने लगे। कोई बोला देखो यह तो पहले ही पीछे है लेकिन राजू ने इस बार ठान लिया था कि चाहे कुछ भी हो जा मैं रुकूंगा नहीं।
उसने खुद से कहा मैं कर सकता हूं। मैं रुकने वाला नहीं हूं उसके कदम धीरे-धीरे तेज होने लगे वह साँस फूलने के बावजूद दौड़ता रहा बीच में कई बार लगा कि अब रुक जाऊं लेकिन तभी गुरुजी के शब्द याद आ जाते खुद पर भरोसा रखो। और हर कदम पर उसका आत्मविश्वास बढ़ता गया धीरे-धीरे उसने एक-एक करके बच्चों को पीछे करना शुरू किया।
लोग चौंकने लगे जो बच्चा हमेशा सबसे पीछे रहता था, वही अब सबसे आगे बढ़ रहा था और अंत में सबको चौंकाते हुए राजू सबसे पहले फिनिश लाइन पर पहुंच गया। पूरा गांव तालियों से गूंज उठा लोग हैरान थे।
जीवन में आत्मविश्वास का होना बेहद जरुरी है।
सब एक दूसरे से कह रहे थे यह कैसे हो गया ? गुरुजी मुस्कुराए और बोले, “यह है आत्मविश्वास की ताकत।” आज राजू ने हमें सिखाया है कि जब इंसान खुद पर विश्वास कर लेता है तो दुनिया की कोई ताकत उसे रोक नहीं सकती।
उस दिन से राजू की जिंदगी बदल गई। अब वह किसी भी काम को करने से पहले डरता नहीं था। उसे पता चल चुका था कि हारने से पहले हार मान लेना ही असली हार होती है।
दोस्तों यही आत्मविश्वास है। जब तक आप खुद पर भरोसा नहीं करोगे तब तक दुनिया भी आप पर भरोसा नहीं करेगी। याद रखो कोई भी बड़ा इंसान शुरुआत से ही बड़ा नहीं था हर किसी ने अपनी मंजिल आत्मविश्वास के दम पर ही पाई है।
आप सोचो अगर सचिन तेंदुलकर ने यह मान लिया होता कि मैं छोटा हूं मैं नहीं खेल पाऊंगा तो क्या वो क्रिकेट का भगवान कहलाता। अगर एपीजे अब्दुल कलाम ने यह सोच लिया होता कि गरीब परिवार से हूं तो क्या वह भारत का राष्ट्रपति बन पाते ?
उन्होंने खुद पर विश्वास किया और दुनिया ने उन्हें सलाम किया तो अब से खुद से कहना शुरू करो मैं कर सकता हूं। छोटी-छोटी जीत को सेलिब्रेट करो। हर दिन कुछ नया सीखो और सबसे जरूरी कभी हार मानने से पहले कोशिश जरूर करो। याद रखो हारना बुरी बात नहीं है लेकिन कोशिश ना करना सबसे बड़ी हार होती है।
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