अपनी मेहनत में कभी भी कमी मत छोड़िए।

दोस्तों बहुत सारे लोग हमेशा किस्मत को कोसते हैं और भगवान को कोसते रहते हैं कि आपने मेरे साथ ही ऐसा क्यों किया है लेकिन याद रखिए किस्मत से पहले भगवान ने मेहनत को रखा है इसलिए अपनी मेहनत में कभी भी कमी मत छोड़िए।
आइये एक छोटी सी कहानी है पुराने जमाने की एक गरीब किसान की कहानी है जिसके पास में कोई खेती नहीं बची थी, कोई जमीन नहीं बची थी खेती करता तो कहां करता? उसके पास में सिर्फ दो बैल थे और एक गाड़ी थी।
उस बैलगाड़ी से ही उसका जीवन चल रहा था वो गांव वालों का सामान लेकर के शहर में जाता और गांव वालों को जो शहर से सामान मंगवाना होता था वो वापस गांव में लेकर आता कुल मिलाकर के डिलीवरी का काम कर रहा था और ऐसी उसकी जिंदगी चल रही थी।
वो हमेशा ऊपर वाले को कोसता रहता था कि मेरी जमीन ले ली मेरे पास कुछ नहीं है। दो बैल हैं अब इनसे मेरा सहारा चल रहा है कुछ तो करो जीवन में एक बार बरसात का समय था। मनसून का समय था बारिश के दिन थे तो शहर से जो गांव आने वाली सड़क थी उसमें कीचड़ भरा रहता था।
एक दिन जब वो शहर से सामान लेकर के वापस आ रहा था उस दिन सामान भी ज्यादा था उसकी बैलगाड़ी वहीं एक सड़क में फंस गई और जब उसकी बैलगाड़ी उस सड़क में फंस गई, उसने अपने दोनों दोनों बैलों को जोर दिया उनसे कहा कि निकलो बाहर लेकिन वो बैल भी ताकत लगा के उस गाड़ी को बाहर नहीं निकाल पाए।
अपनी मेहनत में कभी भी कमी मत छोड़िए।
अब उस किसान का दिमाग पूरी तरीके से खराब हो गया शाम होने को आई थी उसे पता था अब तो कोई निकलेगा भी नहीं इस रास्ते से और कोई निकलेगा नहीं तो यह गाड़ी बाहर कैसे निकलेगी? वहीं खेत में बैठकर के पास में वह भगवान को कोसने लगा कि आपने मेरे पूरी जिंदगी में दुख दर्द और पीड़ा दी है इसके अलावा कुछ नहीं दिया।
अब यह बैलगाड़ी अगर गांव नहीं जाएगी, सामान गांव में समय पर नहीं पहुंचेगा गांव वाले आज की मजदूरी नहीं देंगे मेरा घर कैसे चलेगा आपने सब बर्बाद कर दिया बस लगातार कोसे जा रहा था तभी वहां से एक महात्मा जी निकले और महात्मा जी ने देखा कि बैलगाड़ी कीचड़ में फंसी हुई है और किसान खेत में बैठकर लगातार भगवान को कोसे जा रहा है, तो महात्मा जी ने कहा कि इतना भगवान को क्यों कोस रहे हो?
तुम अपनी गलती क्यों नहीं देखते? तो किसान ने कहा मेरी क्या गलती है? बैलगाड़ी फंस गई कीचड़ हो रखा है दोनों बैलों ने भी पूरी ताकत लगा ली लेकिन गाड़ी निकल ही नहीं पा रही है अब आप बताओ आप कहां जा रहे हो?
महात्मा जी ने कहा, मैं तो गांव में जा रहा हूं तो उस किसान ने कहा, गांव वालों से कह देना कि आज बैलगाड़ी फंस गई है रास्ते में इसलिए समय पर नहीं आ पाऊंगा मुझे माफ कर दें कल सुबह-सुबह जैसे ही कुछ लोग यहां से निकलेंगे उनकी मदद से गाड़ी बाहर निकाल कर ले आऊंगा।
अपनी मेहनत में कभी भी कमी मत छोड़िए।
उसकी इस बात से महात्मा जी हंसने लगे और कहने लगे कि यह सामान तो आज ही गांव में पहुंचेगा लेकिन पहली बात तुम्हें वहां से खड़े होना होगा और यहां आना होगा प्रयास करना होगा उस किसान ने कहा कैसा प्रयास?
दोनों बैलों ने ताकत लगा ली महात्मा जी ने कहा, बेटा तुमने ताकत नहीं लगाई तुम आ करके प्रयास करो बैलगाड़ी अभी बाहर निकल जाएगी जैसे ही किसान आया और उसने धक्का लगाया वो गाड़ी उस कीचड़ से बाहर निकल आई।
निष्कर्ष :- अपनी मेहनत में कभी भी कमी मत छोड़िए क्योंकि यदि आप प्रयास ही नहीं करोगे तो कुछ भी नहीं होगा और प्रयास से ही मेहनत का फल मिलता है।
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