जीवन में प्रभु की कृपा पर विश्वास बेहद जरुरी।

दोस्तों हम में से बहुत सारे लोग कर्म पर विश्वास करते हैं अच्छी बात है लेकिन हमें साथ-साथ प्रभु की कृपा पर भी विश्वास करना चाहिए क्योंकि उनकी कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं है, इसलिए भगवान की कृपा जिस पर बरसती है उसके जीवन में सब कुछ सहजता से होने लगता है और लोग उसकी मदद करते हैं।
जब भगवान की कृपा किसी पर बरसती है तो वो किसी भी मुश्किल से नहीं घबराता जीवन के हर क्षेत्र में सफलता पाता है 2016 के टी20 वर्ल्ड कप में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विराट कोहली कह रहे थे एक जर्नलिस्ट को कि क्या मैं तुम्हें पूजा पाठ करने वाला दिख रहा हूं?
यह सवाल उनके मैच के दौरान प्रार्थना करने के बारे में था और यह वो पल था जो तब उन्होंने मजाक में टाल दिया लेकिन अब उसे एक नए पर्स पेक्टिव से देखा जा रहा है खास करके यह देखा जा रहा है कि तब से लेकर अब तक विराट कोहली कितने बदल गए हैं।
आध्यात्मिकता ने विराट कोहली को कैसे मदद की बदलने में पिछले कुछ सालों में विराट और अनुष्का दोनों ने कई बार हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में आध्यात्मिक यात्राएं की है जिसमें उज्जैन में महा कालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया।
उत्तराखंड में नीम करौली बाबा के आश्रम गए और वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज जी के आशीर्वाद लिए उनसे आध्यात्मिक चर्चा की ये सब उनके आध्यात्मिक सफर को दर्शाती हैं और जो सबसे स्पेशल बात है वो यह है कि दोनों अब अपनी आइडेंटिटी को बहुत कम वैल्यू देते हैं।
जीवन में प्रभु की कृपा पर विश्वास बेहद जरुरी।
चुपचाप अपनी यात्रा करते हैं और बताते हैं कि वह आध्यात्मिक जो यात्रा है उसे शांति और सादगी से जी रहे हैं वो विराट कोहली जो आईपीएल का फाइनल जीतने के बाद कहते हैं कि यह मेरे करियर के बेहतरीन पलों में से एक है लेकिन टेस्ट क्रिकेट की तुलना में यह पांच लेवल नीचे है।
अब आपको याद होगा कि बीच आईपीएल में विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट अनाउंस करते हैं स्पेशली तब जब इंग्लैंड के लिए टीम अनाउंस होने वाली थी और उस रिटायरमेंट को अनाउंस करने के बाद वो पहुंचते हैं वृंदावन अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ प्रेमानंद जीमहाराज जी की शरण में आध्यात्मिक मार्गदर्शन लेने के लिए।
प्रेमानंद जी महाराज विराट कोहली से पूछते हैं कि आप प्रसन्न हो? वो इस बात पर जोर देते हैं और कहते हैं कि सच्ची समृद्धि ईश्वरीय कृपा से आती है जो एकांतिक आत्म निरीक्षण संवाद होता है उसमें विराट कोहली और अनुष्का शर्मा वहां बात करते हैं और उसमें गुरुजी नाम जप पर भी बार-बार बल देते हैं।
गुरु जी कहते हैं कि समृद्धि जो है वह ईश्वर की कृपा नहीं है वो आपके विचारों का परिवर्तन है विचार जब बदलने लगते हैं समृद्धि आने लगती है ये विचार बहुत गहरा है क्योंकि इसमेंन्होंने बताया है कि असली समृद्धि बाहर से नहीं आ रही है बल्कि अंदर से आ रही है।
गुरु जी कहते हैं कि जो व्यक्ति संकट से गुजर रहा है उसे डरने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि एक दिव्य संकेत है कि भगवान उसे सही रास्ते पर ले जा रहे हैं अगर आप किसी मुश्किल से गुजर रहे हैं तो समझिए कि भगवान आपको एक बेहतर रास्ते की ओर मार्गदर्शन दे रहे हैं यह वो विचार था जिसने विराट कोहली को चैलेंज को ओपोरर्चुनिटी में बदलने की इंस्पिरेशन दी।
जीवन में प्रभु की कृपा पर विश्वास बेहद जरुरी।
जो आध्यात्मिक शिक्षा है उसने कोहली को यह समझने में मदद की है कि आंतरिक शांति और भक्ति के माध्यम से आप समृद्धि पा सकते हैं जो सच्ची समृद्धि होती है। गुरु जी कहते हैं कि अगर तुम अपनी साधना में लगे रहोगे चाहे वह कोई खेल हो चाहे या कोई और काम हो तुम उस काम से देश को प्रसन्नता दोगे यही तुम्हारी असली साधना होगी।
विराट कोहली खुद कहते हैं कि मेरा जो गेम है जो मेरे एफर्ट्स हैं और जो जीत है वो सब कुछ बदल चुका है वो कहते हैं कि उनका गेम जो है उनके लिए साधना बन चुका है भगवान के नाम से जोड़ते हुए नाम जप करते हुए अपना कार्य कर रहा हूं।
निष्कर्ष :- प्रभु कहते हैं कि अगर आपने वह कार्य किया जो मैं चाहता हूं तो फिर वह सब होने लगेगा जो आप चाहते हैं।
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